Thursday, 17 August 2017

घुटना प्रत्यारोपण की कीमतों में कमी, 1500 करोड़ की बचत

       प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2017 के अवसर पर दिए गए भाषण में की गयी घोषणा के अनुसार सरकार ने घुटने की शल्य-चिकित्सा में प्रयुक्त आर्थोपेडिक प्रत्यारोपणों के उच्चतम मूल्य निर्धारित किए हैं। 

       यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक एवं संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए दी। भारत में प्रतिवर्ष किए जाने वाले लगभग 1 से 1.5 लाख आर्थोपेडिक घुटना प्रक्रियाओं की संख्या के आधार पर इससे भारत के लोगों को प्रतिवर्ष लगभग 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि यह अनैतिक मुनाफाखोरी को रोकने और आखिरी आदमी के लिए सस्ती और गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। 
      कुमार ने कहा कि रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) के आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार इस व्यापार में बहुत मुनाफा था, जो अनुचित और अनैतिक मुनाफाखोरी के रूप में व्याप्त था। एनपीपीए ने उच्चतम मूल्य निर्धारित करते हुए सभी नई प्रौद्योगिकी प्रत्यारोपणों को ध्यान में रखते हुए ये मूल्य निर्धारित किए हैं। 
       अनंत कुमार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह अनुमान लगाया गया है कि 2020 तक ऑस्टियो आर्थराइटिस दुनिया में गतिहीनता का चौथा सबसे बड़ा कारण बनने वाला है। भारत में 1.2 से 1.5 करोड़ ऑर्थोपेडिक मरीजों हैं जिन्हें आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण सर्जरी की आवश्यकता है। अधिकांश निदान किए गए लोगों को घुटने की सर्जरी की आवश्यकता हैं लेकिन वह अधिक कीमत के कारण ऐसी सर्जरी कराने में असमर्थ हैं। 
         सरकार ने इस स्थिति को सुधारने के लिए आज से ही घुटने के प्रत्यारोपण के अधिकतम मूल्य निर्धारित कर रहे हैं। अनंत कुमार ने बताया कि सरकार को सभी आयातकों, वितरकों, खुदरा विक्रेताओं, अस्पतालों आदि सहित सभी हितधारकों से इस बारे में पूरा सहयोग मिलने की उम्मीद है, ताकि घुटना प्रत्यारोपण की कीमतों में की गयी इस कमी का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।
      उन्होंने यह भी बताया कि मुनाफाखोरी की सभी शिकायतों की कड़ाई से निगरानी की जाएगी और ली गई अधिक राशि दोषी पार्टियों से 18ऽ ब्याज के साथ वसूल की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ऐसी पार्टियों के लाइसेंस रद्द करने और ऐसी अनैतिक मुनाफाखोरी में लगे हितधारकों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के बारे में भी विचार कर सकती है। 
     इस अवसर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया, फार्मास्युटिकल्स सचिव जय प्रिये प्रकाश और एनपीपीए के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।

 

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